नयी दिल्ली, एक दिसंबर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेतृत्व पर देश की हर मस्जिद में सर्वेक्षण कराकर समाज को बांटने का प्रयास करने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसा करके सत्तारूढ़ दल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की सलाह की अवहेलना कर रहा है।
यहां रामलीला मैदान में दलितों, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों और ओबीसी के एक संघ द्वारा आयोजित एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर इस तरह के सर्वेक्षणों की अनुमति देकर लोगों को एकजुट या सुरक्षित नहीं रहने देने का आरोप लगाया।
उन्होंने यह भी पूछा कि क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता लाल किला, ताजमहल, कुतुब मीनार या चार मीनार जैसी इमारतों को ध्वस्त करेंगे, जिनका निर्माण मुसलमानों ने कराया था?
खरगे की टिप्पणी उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के मद्देनजर आई है, जहां एक मस्जिद में यह पता लगाने के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा था कि क्या वर्षों पहले वहां कोई मंदिर था।
कांग्रेस अध्यक्ष ने दलितों, अल्पसंख्यकों और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से एकजुट रहने का आह्वान किया क्योंकि तभी वे संविधान, लोकतंत्र और अपने अधिकारों की रक्षा के अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकेंगे।
उन्होंने आरोप लगाया, “हमें हर कीमत पर एकजुट रहना होगा। मोदीजी इस एकता को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। समाज और यहां तक कि जातियों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।”
उत्पीड़ितों के बीच एकता का आह्वान करते हुए खरगे ने आरोप लगाया कि मोदी आम लोगों के खिलाफ हैं क्योंकि वह उनसे नफरत करते हैं। उन्होंने कहा कि “हमारी लड़ाई उस नफरत के खिलाफ है और इसीलिए राजनीतिक शक्ति महत्वपूर्ण है।”
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