Bihar By Election 2022: मोकामा-गोपालगंज में चुनाव प्रचार थमा, 3 नवंबर को वोटिंग, 6 को आएंगे  रिजल्ट
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits-PTI)

 Bihar By Election 2022: बिहार के गोपालगंज और मोकामा विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर मंगलवार को चुनाव प्रचार समाप्त हो गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो अब महागठबंधन में हैं और दो सप्ताह पहले एक दुर्घटना में लगी चोटों के कारण प्रचार करने इन विधानसभा क्षेत्रों में नहीं जा सके थे, ने सोमवार को एक वीडियो संदेश जारी कर मोकामा के लोगों से राजद उम्मीदवार नीलम देवी को वोट देने का आग्रह किया था. नीलम देवी के पति को विधायक पद से अयोग्य ठहराए जाने के कारण उपचुनाव कराना पड़ा है.

उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले तेजस्वी यादव ने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार अभियान की कमान संभाल रखी थी और उन्होंने अपने पैतृक जिले गोपालगंज के साथ-साथ मोकामा में रैलियों को संबोधित किया। गोपालगंज में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लगातार चार बार जीत दर्ज की है और राजद का इरादा इसबार भाजपा से इस सीट को छीनना है. यह भी पढ़े: Assembly By-Election: 6 राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव, BJP ने जारी की उम्मीदवारों की लिस्ट

भाजपा ने गोपालगंज से चार बार के विधायक रहे दिवंगत सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी को चुनावी मैदान में उतारा है। सिंह की मृत्यु के कारण उपचुनाव कराना पड़ा है. तेजस्वी ने अपनी पार्टी के उम्मीदवार मोहन प्रकाश गुप्ता के पक्ष में प्रचार अभियान के दौरान एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अपने मामा साधु यादव और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अपना प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे जाने की ओर इशारा करते हुए मतदाताओं से कहा था,

‘‘यहां भाजपा की ‘बी टीम’ भी चुनाव लड़ रही है. जो स्वयं तो चुनाव जीतेंगे नहीं, भाजपा को जिताने का काम करेंगे। आप सब ज्यादा होशियार हैं सब को पहचानते हैं। इसलिए ऐसे लोगों से सावधान रहना है. तेजस्वी के मामा साधु यादव की पत्नी इंदिरा यादव इस बार गोपालगंज से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। साधु यादव 2000 में इस सीट से राजद उम्मीदवार के तौर पर जीते थे और 2020 में बसपा के प्रत्याशी के तौर पर दूसरे नंबर पर रहे थे.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पाटी जनता दल (यूनाइटेड) (जद-यू) ने राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा जैसे पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों को अपने सहयोगी दल राजद के उम्मीदवार के पक्ष में चुनावी प्रचार के लिए मैदान में उतारकर अपने शीर्ष नेता की अनुपस्थिति की भरपाई करने की कोशिश की. भाजपा द्वारा दोनों विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी के राज्य स्तरीय नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए उतारे जाने के साथ पिछले दिनों इसमें उस वक्त और गति आ गयी जब लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार करने के लिए इन क्षेत्रों का दौरा किया.

चिराग के विद्रोही चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ हैं और वह पहले से ही भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार कर रहे हैं. इन दोनों नेताओं के आपसी मतभेदों के बावजूद, उनके समर्थन से भाजपा को दलित वोटों का एक बड़ा हिस्सा हासिल होने की उम्मीद जगी है.भाजपा के प्रचार अभियान में मोकामा में पूर्व सांसद और पूर्व स्थानीय विधायक सूरज भान सिंह भी शामिल रहे हैं, जो पारस के नेतृत्व वाले लोजपा के अलग समूह के साथ हैं.

मोकामा में स्थानीय बाहुबली एवं अनंत सिंह के विरोधी ललन सिंह को सूरज भान सिंह का विश्वासपात्र माना जाता है। ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी इस सीट से भाजपा प्रत्याशी हैं. खूंखार गैंगस्टर से राजनेता बने सूरज भान सिंह ने 2000 के विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह जो पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के कार्यकाल में मंत्री थे, को मोकामा से एक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में हराया था.

भाजपा ने गोपालगंज से राजद प्रत्याशी गुप्ता के खिलाफ झारखंड में लंबित एक मामले के बारे में अपने हलफनामे में जानकारी ‘‘छिपाने’’ के लिए उनको अयोग्य घोषित करने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं के साथ निर्वाचन आयोग से भी संपर्क किया था. इसके अलावा पार्टी ने अनंत कुमार सिंह को पटना से दूर एक जेल में स्थानांतरित करने की मांग की थी. पार्टी का आरोप था कि अनंत सिंह मतदाताओं को सलाखों के पीछे से डराने की कोशिश कर रहे हैं. दोनों सीटों के लिए तीन नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजे सात नवंबर को घोषित किए जाएंगे.

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