देश की खबरें | उत्तराखंड सचिवालय में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक

देहरादून, 16 अप्रैल कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच संक्रमण से बचाव के लिए उत्तराखंड सरकार ने राज्य सचिवालय में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से वर्जित कर दिया।

मुख्य सचिव ओम प्रकाश द्वारा इस संबंध में जारी दिशानिर्देशों में कहा गया है कि अग्रिम आदेशों तक सचिवालय में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के अतिरिक्त केवल सांसद, विधायक, केंद्र और राज्य सरकार के मंत्री ही सचिवाालय परिसर में प्रवेश कर पाएंगे तथा इस दौरान सचिवालय परिसर में किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश पूर्णत: वर्जित रहेगा।

दिशानिर्देशों में सचिवालय में आयोजित की जाने वाली बैठकों में भाग लेने वाले अधिकारियों की संख्या को सीमित रखे जाने तथा उसमें शिरकत करने वाले विभागीय अधिकारियों का विवरण एक दिन पूर्व सचिवालय के मुख्य सुरक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराने को भी कहा गया है।

इससे पहले बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने रात्रि कर्फ्यू को पूरे प्रदेश में विस्तारित करते हुए कोचिंग संस्थान, स्पा और स्वीमिंग पूल के खुलने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था।

शुक्रवार से लागू नए दिशानिर्देशों के तहत सभी धार्मिक, राजनीतिक और विवाह जैसे सामाजिक समारोहों में 200 से अधिक व्यक्तियों के शामिल होने पर रोक लगा दी गयी है। हांलांकि, हरिद्वार महाकुंभ क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा पूर्व में जारी दिशानिर्देश लागू रखे गए हैं।

पूरे प्रदेश में रात साढे़ दस बजे से सुबह पांच बजे तक रात्रि कर्फ्यू लागू रहेगा और इस दौरान आवश्यक कार्यों के लिए ही आवागमन की छूट रहेगी।

प्रदेश में बस, विक्रम, आटो, रिक्शा आदि सार्वजनिक वाहन अधिकतम 50 प्रतिशत क्षमता के साथ ही संचालित होंगे जबकि जिम, सिनेमा हॉल, रेस्टोरेंट तथा बार भी 50 फीसदी क्षमता के साथ ही खुलेंगे।

पूरे प्रदेश में कोचिंग संस्थान, स्वीमिंग पूल और स्पा भी पूर्णत: बंद रहेंगे।

निषिद्ध क्षेत्रों और सूक्ष्म निषिद्ध क्षेत्रों में सभी प्रकार के समारोह, सार्वजनिक वाहनों का संचालन, सिनेमा हाल, जिम, रेस्टोरेंटों के खुलने पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी।

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार का कड़ाई से अनुपालन करना होगा और ऐसा न करने वालों के विरूद्ध महामारी अधिनियम सहित अन्य कानूनों के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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