देश की खबरें | असम: जांच आयोग ने गोरुखुटी अतिक्रमण रोधी अभियान पर रिपोर्ट सौंपी

गुवाहाटी, 21 अक्टूबर असम के दरांग जिले के गोरुखुटी में तीन साल पहले संचालित अतिक्रमण रोधी अभियान की जांच के लिए गठित आयोग ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा को सौंप दी। उक्त अभियान के दौरान दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बी डी अग्रवाल के नेतृत्व वाले आयोग ने 319 पृष्ठों की रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें ‘‘16 प्रमुख सिफारिशें’’ की गई हैं।

बयान में कहा गया है, ‘‘जांच के दौरान आयोग को 55 ज्ञापन प्राप्त हुए और 44 गवाहों से जिरह की गई।’’

इसमें कहा गया है कि जांच पूरी होने पर न्यायमूर्ति अग्रवाल ने औपचारिक रूप से जांच रिपोर्ट शर्मा को सौंप दी है।

हालांकि, बयान में रिपोर्ट की सामग्री या सिफारिशों को साझा नहीं किया गया। सितंबर 2021 में सिपाझार राजस्व परिक्षेत्र के गोरुखुटी क्षेत्र के ढालपुर गांवों में हिंसक अतिक्रमण रोधी अभियान के दौरान दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी और पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए थे।

सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में असम भूमि एवं राजस्व विनियमन, 1886 के ‘सेटलमेंट रूल्स’ और इसमें मौजूद ‘‘कमियों’’ पर विस्तार से चर्चा की गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘रिपोर्ट में सरकार को इन धाराओं पर फिर से गौर करने का सुझाव दिया गया है। इसमें अतिक्रमण रोधी कार्रवाई के दौरान पुलिस बल के अत्यधिक इस्तेमाल, खास तौर पर हथियारों के इस्तेमाल के बारे में भी बात की गई है।’’

उन्होंने बताया कि जांच में पाया गया कि कथित अतिक्रमणकारियों को जमीन खाली करने के लिए एक या दो दिन पहले ही नोटिस जारी किए गए थे।

सूत्रों ने बताया, ‘‘इसमें कहा गया है कि सरकार को इस पर गौर करना चाहिए और लोगों को स्वैच्छिक स्थानांतरण के लिए पर्याप्त समय देते हुए नोटिस भेजे जाने चाहिए।’’

गोरुखुटी के ढालपुर 1, 2 और 3 गांवों में 20 और 23 सितंबर 2021 को लगभग 1,200-1,400 घर ढहा दिए गए, जिनमें से ज्यादातर बांग्ला भाषी मुसलमानों के थे। इससे 7,000 से अधिक लोग बेघर हो गए।

अतिक्रमण रोधी अभियान के दौरान 23 सितंबर को पुलिस की गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई थी। गोलीबारी में मारे गए व्यक्तियों में 12 साल का एक लड़का भी शामिल था। उक्त लड़के ने घटना के कुछ ही समय पहले अपना पहला पहचान पत्र, आधार कार्ड बनवाया था।

उस दौरान पुलिसकर्मियों सहित 20 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

असम सरकार ने बाद में इस क्षेत्र में एक बहुआयामी कृषि परियोजना शुरू की।

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