गुवाहाटी, 11 जुलाई असम में बृहस्पतिवार को बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, हालांकि राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ का पानी घटने लगा है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
गुवाहाटी स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने बताया कि असम और उसके पड़ोसी इलाकों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा के आसार हैं।
उसने कहा, ‘‘अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में अधिकतर स्थानों पर तथा नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में कई स्थानों पर मध्यम बारिश होने की संभावना है।’’
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पांच और लोगों की मौत हो गई और 25 जिलों में 14 लाख से अधिक लोग अब भी बाढ़ से प्रभावित हैं।
इस साल बाढ़, भूस्खलन, तूफान और बिजली गिरने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 100 पहुंच गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2.37 लाख पीड़ितों के साथ धुबरी बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित है। इसके बाद कछार में 1.82 लाख और गोलाघाट में 1.12 लाख लोग बाढ़ प्रभावित हैं।
एएसडीएमए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘राज्य के विभिन्न स्थानों में बाढ़ का पानी घट रहा है। अगर बारिश रुक जाए तो स्थिति में लगातार सुधार होगा।’’
प्रशासन वर्तमान में 20 जिलों में 365 राहत शिविर और राहत वितरण केंद्र संचालित कर रहा है और 1,57,447 विस्थापित लोगों की देखभाल की जा रही है।
अधिकारियों ने पिछले 24 घंटों में राज्य के बाढ़ पीड़ितों को 2,825.36 क्विंटल चावल, 517.22 क्विंटल दाल, 151.97 क्विंटल नमक और 14,015.39 लीटर सरसों का तेल वितरित किया है।
एएसडीएमए ने बताया कि वर्तमान में 2,580 गांव जलमग्न हैं और असम में 39,898.92 हेक्टेयर फसल क्षेत्र नष्ट हो गया है।
कछार, दरांग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, करीमगंज, कोकराझार, लखीमपुर, मोरीगांव, नगांव, बारपेटा, बोंगाइगांव, चराईदेव, ग्वालपाडा़, गोलाघाट, जोरहाट, कामरुप और माजुली में बाढ़ के कारण तटबंध, सड़कें, पुल और अन्य आधारभूत संरचनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रह्मपुत्र नदी निमातीघाट, तेजपुर, गुवाहाटी और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
इसकी सहायक नदियां, चेनीमारी में बुरहिडीहिंग और नांगलमुराघाट में दिसांग भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
एएसडीएमए ने बताया कि बराक नदी की सहायक नदी कुशियारा करीमगंज शहर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
इसमें कहा गया है कि बाढ़ के कारण असम में 11,28,398 से अधिक पालतू मवेशी और मुर्गियां प्रभावित हुई हैं।
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