नयी दिल्ली, 29 नवंबर केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने असम में ‘ऑनलाइन ट्रेडिंग’ घोटालों से संबंधित 41 मामलों में से एक में 1.5 लाख निवेशकों से 260 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के लिए ‘ट्रेडिंगएफएक्स’ के रंजीत काकोटी के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
एजेंसी ने कहा कि न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद काकोटी ने कथित तौर पर भ्रामक योजना दस्तावेजों, झूठे वादों और धोखाधड़ी के अन्य हथकंडे अपनाकर निवेशकों को धोखा दिया ताकि उनकी मेहनत की कमाई में हेराफेरी कर उसका इस्तेमाल निजी लाभ के लिए किया जा सके।
एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘‘सीबीआई ने उन अधिकांश निवेशकों की पहचान के लिए फोरेंसिक जांच के आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल किया जिन्हें एक वेबसाइट ‘ट्रेडिंगएफक्स डॉट लाइव’ के माध्यम से आरोपियों ने फर्जी योजना के जाल में फंसाया था।’’
इसमें कहा गया है कि यह असम के उन 41 निवेश घोटालों में से एक है जिसकी जांच राज्य सरकार के अनुरोध पर सीबीआई द्वारा की जा रही है।
उन्होंने कहा कि डिब्रूगढ़ पुलिस ने पहले काकोटी पर इस आरोप के तहत मामला दर्ज किया था कि उन्होंने और उनके सहयोगियों ने ट्रेडिंगएफएक्स के तहत भोले-भाले निवेशकों को उनके निवेश पर 18 महीने की अवधि के भीतर तीन गुना रिटर्न देने का वादा किया था।
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि बाद में उन्होंने वादे के मुताबिक धनराशि वापस करना बंद कर दिया और जवाब देना भी बंद कर दिया।
बयान में कहा गया, ‘‘असम निवेश घोटाला मामलों की जांच अपने हाथ में लेने के बाद से सीबीआई ने अपनी जांच तेज कर दी है, पांच राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 93 स्थानों पर नए सिरे से तलाशी ली गई है। इन तलाशी में मोबाइल फोन, डेस्कटॉप, हार्ड ड्राइव और लैपटॉप जब्त किए गए हैं।’’
बयान के मुताबिक, जांच के दौरान सीबीआई ने उन जमाकर्ताओं के विवरण वाले डेटाबेस का सफलतापूर्वक पता लगा लिया जिन्हें इन अनियमित जमा योजनाओं में निवेश करने के लिए धोखा दिया गया था।
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने बृहस्पतिवार को डिब्रूगढ़ से ‘ऑनलाइन ट्रेडिंग’ घोटाले के एक अन्य मामले में बिशाल फुकन, अभिजीत चंदा, अभिनेता सुमी बोरा और तपन उर्फ तार्किक बोरा के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
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