देश की खबरें | धार के भोजशाला परिसर में एएसआई का लगातार सातवें दिन सर्वेक्षण, गड्ढे खोदे गए

धार, 28 मार्च मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर ऐतिहासिक धार शहर के विवादास्पद भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का सर्वेक्षण बृहस्पतिवार को सातवें दिन भी जारी रहा। इसके तहत परिसर में कुछ गड्ढे खोदे गए हैं। सर्वेक्षण से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी।

सर्वेक्षण के दौरान हिंदू समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले आशीष गोयल और गोपाल शर्मा और मुस्लिम समुदाय के नेता अब्दुल समद एएसआई दल के साथ मौजूद थे।

समद, मौलाना कमाल वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा,"हमने पहले भी कहा है कि मुस्लिम समुदाय भोजशाला परिसर में जारी सर्वेक्षण के खिलाफ नहीं है। हम सर्वेक्षण में उन चीजों को शामिल करने के खिलाफ हैं जो इस परिसर में 2003 के बाद रखी गई थीं।"

उन्होंने कहा,‘‘हमने सर्वेक्षण दल के सामने कुछ मुद्दों पर अपनी आपत्तियां दर्ज कराई हैं क्योंकि यह हमारा अधिकार है।"

समद ने बताया कि फिलहाल भोजशाला परिसर के पीछे सर्वेक्षण चल रहा है और एएसआई का दल तीन स्थानों पर पांच-छह फुट गहरे गड्ढे खोद रहा है।

उन्होंने कहा,‘‘वे (एएसआई दल) उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक अपना काम कर रहे हैं और हम भी उनका सहयोग कर रहे हैं।"

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने 11 मार्च को एएसआई को छह सप्ताह के भीतर भोजशाला परिसर का "वैज्ञानिक सर्वेक्षण" करने का निर्देश दिया था।

यह परिसर एक मध्ययुगीन स्मारक है जिसे हिंदू समुदाय वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर मानता है, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद बताता है।

एएसआई ने अदालत के निर्देश पर भोजशाला परिसर का सर्वेक्षण 22 मार्च को शुरू किया था।

एएसआई के सात अप्रैल 2003 को जारी आदेश के अनुसार चली आ रही व्यवस्था के मुताबिक हिंदुओं को प्रत्येक मंगलवार को भोजशाला में पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुस्लिमों को हर शुक्रवार इस जगह नमाज अदा करने की इजाजत दी गई है।

माना जाता है कि हिंदू शासक राजा भोज ने 1034 ईस्वी में भोजशाला में वाग्देवी की मूर्ति स्थापित की थी। हिंदू संगठनों का कहना है कि अंग्रेज इस मूर्ति को 1875 में लंदन ले गए थे।

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