देश की खबरें | असम में बाढ़ के कारण 28 जिलों में करीब 23 लाख लोग प्रभावित

गुवाहाटी, आठ जुलाई असम में बाढ़ की स्थिति सोमवार को भी गंभीर बनी रही और 28 जिलों की लगभग 23 लाख की आबादी इससे प्रभावित हुई। एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई।

बुलेटिन के अनुसार, अधिकतर नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर है।

राज्य में इस वर्ष बाढ़, भूस्खलन और तूफान में 78 लोगों की मौत हुई जबकि इनमें से केवल बाढ़ के कारण 66 लोगों की मौत हुई।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का सोमवार को सिलचर पहुंचने और मणिपुर जाते समय कछार जिले के फुलेर्तल में बाढ़ राहत शिविर का दौरा करने का कार्यक्रम है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में सभी राहत शिविरों में पूरी व्यवस्था की गई है और स्थिति सामान्य होने तक आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त भंडार रखा गया है।

उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत शिविरों की सुरक्षा और स्वच्छता सरकार की प्राथमिकता है और उनकी टीम वहां रह रहे लोगों के संपर्क में है।

वर्तमान में, 28 जिलों में 3,446 गांवों के लगभग 23 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जबकि बाढ़ की दूसरी लहर से 68,432.75 हेक्टेयर फसल भूमि जलमग्न हो गई है।

धुबरी में सबसे अधिक 7,54,791 लोग प्रभावित हुए, इसके बाद कछार में 1,77,928 लोग और बारपेटा में 1,34,328 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए।

कुल 53,689 लोगों ने 269 राहत शिविरों में शरण ली है, जबकि राहत शिविरों में नहीं रह रहे 3,15,520 लोगों को राहत सामग्री प्रदान की गई है।

ब्रह्मपुत्र निमती घाट, तेजपुर और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

खोवांग में बुरही दिहिंग, शिवसागर में दिखौ, नंगलमुराघाट में दिसांग, नुमालीगढ़ में धनसिरी, धरमतुल में कोपिली, बारपेटा में बेकी, गोलकगंज में संकोश, बीपी घाट में बराक और करीमगंज में कुशियारा नदियां खतरे से निशान से ऊपर हैं।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और स्थानीय प्रशासन सहित कई एजेंसियां ​​राहत और बचाव कार्य कर रही हैं। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए विभिन्न हिस्सों में 171 नौकाओं को तैनात किया गया है।

विभिन्न एजेंसियों ने पिछले 24 घंटे में कुल 70 लोगों और 459 मवेशियों को बचाया।

राज्य भर से बाढ़ के कारण सड़कों, पुलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और मत्स्य पालन तालाबों को नुकसान पहुंचने की खबरें मिली हैं।

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