देश की खबरें | अग्रिम जमानत असाधारण मामलों में ही दी जानी चाहिए: दिल्ली उच्च न्यायालय

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि अग्रिम जमानत देने का अधिकार एक असाधारण शक्ति है और इसका प्रयोग केवल असाधारण मामलों में ही किया जाना चाहिए।

एजेंसी न्यूज Bhasha|
देश की खबरें | अग्रिम जमानत असाधारण मामलों में ही दी जानी चाहिए: दिल्ली उच्च न्यायालय

नयी दिल्ली, छह जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि अग्रिम जमानत देने का अधिकार एक असाधारण शक्ति है और इसका प्रयोग केवल असाधारण मामलों में ही किया जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा ने न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी निवासी आशीष कुमार को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की।

कुमार पर संपत्ति विवाद मामले में अपने चचेरे भाई पर हमला करने का आरोप है।

न्यायमूर्ति ने कहा, “कानून केवल उन लोगों की सहायता करता है जो कानून का पालन करते हैं।”

न्यायाधीश ने कहा कि पूछताछ और अपराध में प्रयुक्त हथियार की बरामदगी के लिए आरोपी को हिरासत में लिए जाने की आवश्यकता है।

उन्होंने एक जुलाई को आदेश में कहा, “अग्रिम जमानत देने की शक्ति एक असाधारण शक्ति है और इसका प्रयोग केवल असाधारण मामलों में ही किया जाना चाहिए, न कि सामान्य तौर पर।”

अर्जी में दावा किया गया था कि कुमार को उनके और शिकायतकर्ता के परिवार के बीच पुराने संपत्ति विवाद के कारण मामले में झूठे तरीके से फंसाया गया है।

याचिका में आरोप लगाया गया कि जांच में शामिल नहीं होने पर याचिकाकर्ता के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए। न्यायाधीश ने कहा कि मामले में अभियोजन पक्ष द्वारा दायर की गई स्थिति रिपोर्ट से पता चला कि शिकायतकर्ता को चोटें आई थीं।

न्यायाधीश ने कहा, “इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि घायल को अस्पताल से छुट्टी मिल गई और चोटें सामान्य प्रकृति की हैं लेकिन याचिकाकर्ता को अपराध में इस्तेमाल किए गए हथियार की बरामदगी के लिए हिरासत में लेकर पूछताछ करने की आवश्यकता है। कानून केवल उन लोगों की सहायता करता है जो कानून का पालन करते हैं।”

याचिका में दावा किया गया कि घटना शिकायतकर्ता द्वारा उकसाए जाने का परिणाम थी, जो बिना किसी सहमति के विवादित संपत्ति पर अवैध रूप से रसोई का निर्माण कर रहा था और जब याचिकाकर्ता ने विरोध किया तो शिकायतकर्ता ने उसके भाई पर हमला किया।

याचिका में दावा किया गया कि याचिकाकर्ता और उसकी मां को घटना में चोटें आईं लेकिन शिकायतकर्ता के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूE%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%AF&body=Check out this link https%3A%2F%2Fhindi.latestly.com%2Fagency-news%2Fappeal-bail-should-be-given-only-in-extraordinary-cases-delhi-high-court-r-2683512.html" title="Share by Email">

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नयी दिल्ली, छह जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि अग्रिम जमानत देने का अधिकार एक असाधारण शक्ति है और इसका प्रयोग केवल असाधारण मामलों में ही किया जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा ने न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी निवासी आशीष कुमार को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की।

कुमार पर संपत्ति विवाद मामले में अपने चचेरे भाई पर हमला करने का आरोप है।

न्यायमूर्ति ने कहा, “कानून केवल उन लोगों की सहायता करता है जो कानून का पालन करते हैं।”

न्यायाधीश ने कहा कि पूछताछ और अपराध में प्रयुक्त हथियार की बरामदगी के लिए आरोपी को हिरासत में लिए जाने की आवश्यकता है।

उन्होंने एक जुलाई को आदेश में कहा, “अग्रिम जमानत देने की शक्ति एक असाधारण शक्ति है और इसका प्रयोग केवल असाधारण मामलों में ही किया जाना चाहिए, न कि सामान्य तौर पर।”

अर्जी में दावा किया गया था कि कुमार को उनके और शिकायतकर्ता के परिवार के बीच पुराने संपत्ति विवाद के कारण मामले में झूठे तरीके से फंसाया गया है।

याचिका में आरोप लगाया गया कि जांच में शामिल नहीं होने पर याचिकाकर्ता के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए। न्यायाधीश ने कहा कि मामले में अभियोजन पक्ष द्वारा दायर की गई स्थिति रिपोर्ट से पता चला कि शिकायतकर्ता को चोटें आई थीं।

न्यायाधीश ने कहा, “इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि घायल को अस्पताल से छुट्टी मिल गई और चोटें सामान्य प्रकृति की हैं लेकिन याचिकाकर्ता को अपराध में इस्तेमाल किए गए हथियार की बरामदगी के लिए हिरासत में लेकर पूछताछ करने की आवश्यकता है। कानून केवल उन लोगों की सहायता करता है जो कानून का पालन करते हैं।”

याचिका में दावा किया गया कि घटना शिकायतकर्ता द्वारा उकसाए जाने का परिणाम थी, जो बिना किसी सहमति के विवादित संपत्ति पर अवैध रूप से रसोई का निर्माण कर रहा था और जब याचिकाकर्ता ने विरोध किया तो शिकायतकर्ता ने उसके भाई पर हमला किया।

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(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

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