कैमरून की राजधानी योओंदे से लेकर रोम और न्यूयॉर्क (New York) तक इस वैश्विक महामारी से 19 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं और 1,18,000 लोग जान गंवा चुके हैं. अस्पतालों में मरीजों की बाढ़ आ गई है जबकि कई मामलों में तो उनके पास उपकरणों की कमी है और उन्हें खुद इस संक्रमण की चपेट में आने का डर है. कोविड-19 (Covid-19) से निपटने की इस लड़ाई में अग्रिम योद्धा होने का एहसास क्या होता है यह जानने के लिए ‘एएफपी’ के पत्रकारों ने दुनियाभर में स्वास्थ्य कर्मियों से बात की.
इस वैश्विक महामारी से सबसे अधिक प्रभावित इटली में कोविड-19 के कारण दर्जनों डॉक्टरों और नर्सों की मौत हो गई तथा हजारों स्वास्थ्य देखभाल कर्मी इसकी चपेट में आ गए. रोम के एक अस्पताल में कोविड-19 आईसीयू में नर्सिंग संयोजक सिल्वाना डी फ्लोरियो ने कहा, "हम इसके लिए कोई विशिष्ट समय निर्धारित नहीं करते लेकिन हम अनुमानित तौर पर सात घंटे की पाली में काम करते हैं, करीब 40-50 मिनट सुरक्षा उपकरण पहनने में बीत जाते हैं."
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स्क नहीं पहनने पर एक कर्मी को डांटने के बाद उन्होंने कहा, "हाथ धोने और हाथ को संक्रमण मुक्त करने में हम हर दिन करीब 60-75 मिनट लेते हैं." इक्वाडोर में बंदरगाह शहर ग्वायाक्विल में एक बीमार नर्स अपना गुस्सा छिपाए बिना बताती हैं कि उनके 80 सहकर्मी संक्रमित हैं और पांच की मौत हो चुकी है. दक्षिण अमेरिका में सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक इक्वाडोर है जहां घरों में सैकड़ों शव पड़े हुए हैं क्योंकि मुर्दाघर भरे हुए हैं.
नर्स ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, "हम बिना हथियार के ही युद्ध के मैदान में हैं." उन्होंने कहा, "यह महामारी जब यूरोप को बर्बाद कर रही थी तब जरूरी उपकरणों का इंतजाम नहीं किया गया. " वह खुद भी अभी घर पर ही आराम कर रही हैं क्योंकि अस्पतालों में जगह नहीं है.
गंभीर लक्ष्णों के मरीज उनके आपात विभाग में आ रहे थे और जांच व्यवस्था की कमी के कारण उन्हें एक फ्लू के मरीज के तौर पर देखा गया और घर भेज दिया गया.
उन्होंने कहा, "हमारे पास व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) नहीं थे लेकिन हम उन मरीजों का इलाज करने से मना नहीं कर सकते थे." अमेरिका में न्यूयॉर्क स्टेट नर्सेस एसोसिएशन की अध्यक्ष जूडी शेरिडन गोंजालेज भी चिकित्सकर्मियों के लिए सुरक्षा उपकरणों की कमी की शिकायत करती हैं. उन्होंने एक अस्पताल के बाहर हाल ही में हुए प्रदर्शन में कहा, "हमारे पास दुश्मन से बचने के लिए हथियार और कवच नहीं है."
न्यूयॉर्क के 43 वर्षीय नर्स बेनी मैथ्यू ने बताया कि वह उचित सुरक्षा उपकरण के बिना चार मरीजों का इलाज करने के बाद संक्रमित हुए. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद उनके अस्पताल विभाग ने उनसे कहा कि बुखार कम होते ही काम पर आ जाएं. अभी तक कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित देश अमेरिका में न्यूयॉर्क इस संक्रामक रोग का केंद्र बनकर सामने आया है.
मनीला के सैन लजारो अस्पताल में डॉक्टर मानवता पर मंडरा रहे इस संकट से निपट रहे हैं लेकिन उन्होंने कभी भी कोविड-19 जैसी कोई बीमारी नहीं देखी. डॉक्टर फर्डिनैंड डी गुजमैन ने कहा, ‘‘यह खुली आंखों से देखा गया दुस्वप्न है.’’ वह खुद 60 वर्ष के हैं यानी कि इस बीमारी के सबसे अधिक जोखिम वाले समूह में शामिल हैं.
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