मुंबई, 23 फरवरी : घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट बुधवार को लगातार छठे कारोबारी सत्र में भी जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 68.62 अंक नीचे आ गया. यूक्रेन संकट को लेकर निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है. तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 68.62 अंक यानी 0.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,232.06 अंक पर बंद हुआ. इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 28.95 अंक यानी 0.12 प्रतिशत टूटकर 17,063.25 अंक पर आ गया. कारोबार के दौरान अच्छी बात यह रही कि दोनों सूचकांक ज्यादातर समय एशिया के अन्य बाजारों की तरह सकारात्मक दायरे में रहे. क्योंकि निवेशकों को यह उम्मीद थी कि यूक्रेन सीमा के पास रूसी सेना की गतिविधियों के बाद रूस पर पश्चिमी देशों की पाबंदियों से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का रुख नरम पड़ेगा और युद्ध की आशंका दूर होगी.
सेंसेक्स के शेयरों में एनटीपीसी, एलएंडटी, नेस्ले और आईसीआईसीआई बैंक में सर्वाधिक गिरावट आयी. एशिया के ज्यादातर बाजार लाभ में रहे. इसका कारण अमेरिका, जापान और यूरोपीय देशों द्वारा रूस पर पाबंदी लगाये जाने से युद्ध की आशंका टलने की उम्मीद है. रूस के अपनी सेना को यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र में भेजे जाने को लेकर तनाव बढ़ने से अमेरिकी शेयर बाजार मंगलवार को नुकसान में रहा. रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन में विद्रोहियों के नियंत्रण वाले दो क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है. यह भी पढ़ें : Sensex Update: वैश्विक संकेतों से शेयर बाजार बढ़त के साथ खुले, सेंसेक्स में 300 से ज्यादा की तेजी
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावारोव के साथ इस सप्ताह होने वाली बैठक रद्द कर दी. उन्होंने लवारोव के बयान के बाद यह कदम उठाया. अपने बयान में रूस के विदेश मंत्री ने कहा था कि यह यूक्रेन पर रूस के हमले की शुरुआत है. इस बीच, वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड वायदा की कीमत कुछ नरम होकर 96.74 डॉलर प्रति बैरल पर आ गयी. मंगलवार को यह 99.50 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी. शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को शुद्ध रूप से 3,245.52 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.