हैदराबाद, 14 दिसंबर वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने शनिवार को यहां स्थित वायुसेना अकादमी (एएफए) से स्नातक पाठ्यक्रम पूरा करने वाले अधिकारियों से कहा कि वे सिर्फ वायु योद्धा ही नहीं, बल्कि भविष्य के नेतृत्वकर्ता भी बनें।
वह अकादमी में संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) का निरीक्षण करने के बाद वहां मौजूद लोगों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘आप सिर्फ वायु योद्धा नहीं, बल्कि भविष्य के नेतृत्वकर्ता और कमांडर हैं और आप भारतीय वायुसेना की नियति लिखेंगे। इस बड़ी जिम्मेदारी को अपने ऊपर हावी न होने दें, बल्कि इसे अपने जीवन में प्रेरणा का स्रोत बनाएं।’’
उन्होंने वायुसेना अकादमी से स्नातक कर रहे ‘कैडेट्स’ से भारतीय वायुसेना (आईएएफ) की प्रतिष्ठा, परंपराओं और सम्मान को बरकरार रखने का आग्रह किया।
‘कैडेट्स’ को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि उनका करियर न केवल चुनौतीपूर्ण है बल्कि सम्मानजनक भी है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब आप भविष्य की ओर देखते हैं, तो केवल दो चीजें निश्चित हैं। युद्ध की तेजी से विकसित होती प्रकृति और एयरोस्पेस ताकत की बढ़ती प्रासंगिकता। आप, नई पीढ़ी के अधिकारी इस रोमांचक और निरंतर विकसित होने वाले क्षेत्र का हिस्सा होंगे।’’
उन्होंने कहा कि चाहे आसमान में हों या जमीन पर अधिकारियों की अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका होती है और उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपनी जिम्मेदारी और भूमिका को पूरी तरह से समझें और उसी के अनुसार कार्य करें।
अधिकारियों को नेतृत्व क्षमता विकसित करने और कमांडर बनने के लिए प्रोत्साहित करते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि जिम्मेदारी उनके जीवन में प्रेरक कारक होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि युवा अधिकारी भारतीय वायुसेना के मूल मूल्यों, ईमानदारी और उत्कृष्टता को अपने करियर में मार्गदर्शक मानेंगे तो वे कभी गलत नहीं होंगे।
रक्षा विभाग की एक विज्ञप्ति के अनुसार कुल 204 ‘कैडेट्स’ ने आज स्नातक की उपाधि प्राप्त की जिसमें 178 पुरुष और 26 महिलाएं शामिल थीं।
इसके अनुसार वायुसेना प्रमुख की अगवानी एयर मार्शल नागेश कपूर, एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, प्रशिक्षण कमान और एयर मार्शल एस श्रीनिवास, कमांडेंट एएफए ने की। परेड कमांडर ने आरओ को जनरल सलामी दी। इसके बाद एक शानदार मार्च पास्ट हुआ।
इस मौके पर भारतीय नौसेना के नौ अधिकारियों, भारतीय तटरक्षक बल के नौ अधिकारियों और मित्र विदेशी देशों के एक अधिकारी को भी उड़ान प्रशिक्षण के सफल समापन पर ‘विंग्स’ से सम्मानित किया गया।
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