मुंबई, 21 अक्टूबर शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीट में से 210 पर आम सहमति पर पहुंच गया है जो एक ‘‘महत्वपूर्ण उपलब्धि’’ है।
उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भाजपा और अजित पवार के नेतृत्व वाले राकांपा गुट वाले सत्तारूढ़ गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि एमवीए का उद्देश्य महाराष्ट्र को लूटने वाली ताकतों की हार सुनिश्चित करना है।
राज्यसभा सदस्य और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख रणनीतिकार राउत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम 210 सीट पर आम सहमति पर पहुंचे हैं। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हमारा लक्ष्य एक संयुक्त ताकत के रूप में चुनाव लड़ना है और हम महाराष्ट्र को लूटने वाली ताकतों को हराएंगे।’’
एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार की राकांपा (एसपी) शामिल हैं।
राउत की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब समाचार चैनलों पर ऐसी खबरें प्रसारित हुईं कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी एमवीए से अलग हो सकती है और अपने दम पर सभी 288 सीट पर चुनाव लड़ सकती है।
पिछले कुछ दिनों में तीनों मुख्य विपक्षी दलों के बीच सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए गहन विचार-विमर्श हुआ है। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस और शिवसेना के बीच मुद्दे पर सहमति नहीं है।
राउत का यह बयान ऐसे समय भी आया है जब ऐसी अटकलें हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे फोन पर बात की है। इससे संकेत मिलता है कि 2019 में अलग होने से पहले दशकों तक सहयोगी रहीं शिवसेना और भाजपा अब फिर साथ आ रही हैं।
दोनों दलों ने 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद अपना गठबंधन तोड़ दिया था। उस समय अविभाजित शिवसेना ने आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यमंत्री पद बारी-बारी से साझा करने के अपने वादे से मुकर रही है। भाजपा इस आरोप को खारिज करती रही है।
अमित शाह से फोन पर बातचीत के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा, ‘‘भाजपा गलत सूचना फैला रही है। हम जानते हैं कि यह कौन कर रहा है। पार्टी को विधानसभा चुनाव में हार का डर है और इसीलिए वह गलत सूचना फैलाने का काम कर रही है।’’
राउत ने कहा कि भाजपा ने (जून 2022 में) शिवसेना में विभाजन कराया, ठाकरे की एमवीए सरकार को गिरा दिया और यह भी सुनिश्चित किया कि पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोही गुट को मिले।
उन्होंने शिवसेसना (यूबीटी) और भाजपा के फिर से गठबंधन को असंभव करार देते हुए कहा, ‘‘भाजपा ने सबसे बुरा काम यह किया कि उसने सरकार की बागडोर गद्दारों (शिंदे और बागी विधायकों के लिए उद्धव गुट इसी शब्द का इस्तेमाल करता है) को दे दी, जो पिछले कुछ साल से राज्य को लूट रहे हैं।’’
राउत ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की गलत सूचना का एमवीए में सीट बंटवारे की चर्चा से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम भाजपा की सहायता नहीं करेंगे, जो संविधान को कमजोर करना चाहती है और महाराष्ट्र के गौरव का निरादर करती है।’’
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होगा और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है।
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