ताजा खबरें | पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि पर राज्यसभा में विपक्ष का फिर हंगामा, बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित

नयी दिल्ली, नौ मार्च राज्यसभा में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने विभिन्न पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि को लेकर हंगामा किया और इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा कराने की मांग की। हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही बाधित रही और दो बार के स्थगन के बाद बैठक अंतत: दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।

उपसभापति हरिवंश ने सुबह शून्यकाल में कहा कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे, बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्र, शिवसेना सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी और द्रमुक के टी शिवा की ओर से नियम 267 के तहत कार्यस्थगन नोटिस मिले हैं जिनमें उन्होंने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर तुरंत चर्चा का अनुरोध किया है।

नियम 267 के तहत सदन का सामान्य कामकाज स्थगित कर किसी अत्यावश्यक मुद्दे पर पहले चर्चा की जाती है।

हरिवंश ने कहा कि इस संबंध में सभापति एम वेंकैया नायडू ने कल ही व्यवस्था दे दी थी और उनके फैसले पर फिर से विचार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि सदस्य मौजूदा सत्र में कई अवसरों पर इस मुद्दे पर अपनी बात रख सकते हैं।

लेकिन विपक्षी सदस्य अपनी मांग पर जोर देते रहे और कुछ सदस्य विरोध जताते हुए आसन के समीप भी आ गए। उपसभापति ने उनसे सदन को सुचारू रूप से चलने देने में सहयोग करने की अपील की।

हंगामे के दौरान ही उन्होंने शून्यकाल चलाने का प्रयास किया। लेकिन सदन में शोरगुल जारी रहा। इसके बाद उपसभापति ने 11 बजकर करीब 20 मिनट पर बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठक शुरू होने पर भी सदन में वही नजारा दिखा और विपक्षी सदस्य महंगाई को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

हंगामे के बीच ही उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया। सदन में शोरगुल के बीच कुछ सदस्यों ने पूरक सवाल पूछे और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने उनके सवालों के जवाब दिए।

इस दौरान नेता प्रतिपक्ष खडगे ने कहा कि उन्होंने आज नया नोटिस दिया है जिसमें केरोसिन, रसेाई गैस, डीजल और पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि का जिक्र किया गया है।

इस पर हरिवंश ने एक बार फिर कहा कि सभापति के कल के फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया जा सकता।

सदन में हंगामा थमते नहीं देख उन्होंने 12 बजकर करीब 15 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे के लिए स्थगित कर दी।

हंगामे के कारण शून्यकाल और प्रश्नकाल दोनों बाधित रहे।

दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने माध्यस्थम और सुलह (संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा शुरू कराने की कोशिश की। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अध्यादेश के कारण इस विधेयक को पारित कराया जाना जरूरी है। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है।

लेकिन विपक्षी सदस्य पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग करते रहे।

उपसभापति हरिवंश ने भी जोर दिया कि मौजूदा विधयेक अध्यादेश से संबंधित है और इस पर तत्काल चर्चा जरूरी है।

इस पर खडगे ने कहा कि विपक्ष किसी विधेयक को रोक नहीं रहा है लेकिन पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि की समस्या बहुत बड़ी है और इससे गरीब एवं आम लोग बहुत परेशान हैं।

उन्होंने मांग की कि सरकार को पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में कमी करनी चाहिए और उन्हें 2013-14 के स्तर पर लाना चाहिए।

इस दौरान कुछ विपक्षी सदस्य आसन के समीप भी आ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत रहने और सदन को सुचारू रूप से चलने देने की बार बार अपील की।

कांग्रेस सदस्य आनंद शर्मा ने कहा कि सदन की परंपरा रही है कि जब विपक्ष किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा होता है तब किसी सरकारी विधेयक पर चर्चा नहीं होती। उन्होंने कहा कि विपक्ष को अपने मुद्दे उठाने का अधिकार है।

हंगामे को देखते हुए उपसभापति ने दो बजकर करीब 10 मिनट पर बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

उल्लेखनीय है कि बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन सोमवार को भी विपक्ष ने इसी मुद्दे पर हंगामा किया था जिससे बैठक की कार्यवाही पूरे दिन बाधित रही थी।

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