यून ने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल की राह में इसे ‘अस्थायी’ विराम करार देते हुए अधिकारियों से सरकार के क्रियाकलाप में स्थिरता बरकरार रखने का आह्वान किया।
महाभियोग प्रस्ताव पर संसद (नेशनल असेंबली) में मतदान हुआ, जिसके समर्थन में 204 जबकि विरोध में 85 वोट पड़े।
‘नेशनल असेंबली’ द्वारा इस महीने मार्शल लॉ लागू करने के आदेश पर महाभियोग चलाने के लिए एक प्रस्ताव पारित करने के बाद यून ने अपने कार्यालय के माध्यम से बयान जारी किया है। ‘अल्पकालिक मार्शल लॉ’ ने अधिनायकवादी नेताओं के उस युग की याद दिला दी, जिसे देश ने 1980 के दशक के बाद से अब तक नहीं देखा है।
संसदीय वोट राष्ट्रपति के रूप में उनकी शक्तियों को निलंबित करता है, उन्हें संवैधानिक न्यायालय के फैसले का इंतजार है जो यह तय करेगा कि उनको औपचारिक रूप से पद से हटाया जाए या नहीं।
यून ने तीन दिसंबर को देश में मार्शल लॉ लागू करने का आदेश दिया था, जिसके कारण देश में राजनीतिक उथल-पुथल मच गई। अधिकारी उनपर लगे विद्रोह के आरोपों की जांच कर रहे हैं।
अदालत के पास यह तय करने के लिए 180 दिन का समय है कि यून को राष्ट्रपति पद से हटाया जाए या नहीं। अगर उन्हें पद से हटा दिया जाता है, तो 60 दिन में आम चुनाव कराने होंगे।
यून के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर संसद में दूसरी बार मतदान हुआ है। पिछले शनिवार को सत्तारूढ़ दल के अधिकतर सांसदों ने मतदान का बहिष्कार किया था, जिसके चलते यून को कुछ राहत मिली थी। सत्तारूढ़ पीपुल पावर पार्टी के कुछ सांसदों ने तब कहा था कि वे दूसरी बार होने वाले मतदान में भाग लेंगे।
मॉर्शल लॉ लागू करने के यून के आदेश के खिलाफ दक्षिण कोरिया में प्रदर्शन तेज हो गए जबकि उनकी लोकप्रियता में भी काफी गिरावट आई है।
पिछले दो सप्ताह से हर रात हजारों लोग कड़ाके की ठंड का सामना करते हुए राजधानी सियोल की सड़कों पर हैं और यून को पद से हटाने तथा गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं।
एपी संतोष रंजन
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