देश की खबरें | उपचुनाव में हार के बाद बंगाल भाजपा में खींचतान, नेतृत्व परिवर्तन की मांग तेज

कोलकाता, 25 नवंबर हाल के उपचुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पश्चिम बंगाल भाजपा इकाई में खलबली मच गई है और कई प्रमुख नेताओं ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का मुकाबला करने के लिए नेतृत्व में बड़े बदलाव की मांग की है।

भाजपा की वरिष्ठ नेता अग्निमित्रा पॉल ने इस अभियान का नेतृत्व करते हुए एक गतिशील, जुझारू प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग की, जो ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष प्रदान कर सके।

पॉल ने पार्टी के भीतर बढ़ती हताशा को बयां करते हुए कहा, “हमें अगले प्रदेश अध्यक्ष के रूप में एक जुझारू व्यक्ति की जरूरत है - कोई ऐसा व्यक्ति जो ममता बनर्जी की सरकार को कड़ी चुनौती दे सके। स्थिति मजबूत नेतृत्व की मांग करती है, जो तृणमूल के बढ़ते प्रभुत्व का सामना कर सके।”

उन्होंने कहा, “हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं को हर दिन पीटा जा रहा है, उन पर झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं। हमें ऐसे व्यक्ति की जरूरत है, जो तृणमूल के खिलाफ लड़ाई में समझौता न करने वाला रवैया अपनाए।”

पॉल की यह याचिका 13 नवंबर को हुए उपचुनावों में सभी छह विधानसभा सीट पर भाजपा की हार के बाद आई है, जिसमें मदारीहाट भी शामिल है, जिस निर्वाचन क्षेत्र से 2016 और 2021 दोनों में भाजपा के प्रतिनिधि चुने गए थे।

अंदरूनी उथल-पुथल के बीच पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथागत रॉय ने भी मौजूदा नेतृत्व की आलोचना की।

लंबे समय से भाजपा के भीतर मुखर रहे रॉय ने उपचुनावों में पार्टी की हार के लिए समन्वय और निगरानी की कमी को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने विशेष रूप से प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के नेतृत्व पर निशाना साधा और उन्हें “अंशकालिक अध्यक्ष” कहा तथा तर्क दिया कि केंद्र में राज्य मंत्री के रूप में उनकी दोहरी भूमिका ने बंगाल में पार्टी का प्रबंधन करने की उनकी क्षमता को बुरी तरह प्रभावित किया है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)