अमेठी/रायबरेली (उप्र), पांच अक्टूबर उत्तर प्रदेश के अमेठी में एक दलित परिवार के चार सदस्यों की हत्या का आरोपी शनिवार तड़के पुलिस के साथ मुठभेड़ में पैर में गोली लगने से घायल हो गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब शिवरतनगंज थाने के उपनिरीक्षक मदन कुमार सिंह आरोपी चंदन वर्मा की निशानदेही के आधार पर नहर पटरी के पास मिली पिस्तौल अपने कब्जे में ले रहे थे।
पुलिस ने एक बयान में कहा कि जब सिंह पिस्तौल और उसकी मैगजीन का निरीक्षण कर रहे थे तभी आरोपी वर्मा ने सिंह की पिस्तौल छीन ली और जान से मारने की नीयत से उन पर गोली चला दी।
बयान में कहा गया कि इसके बाद पुलिस निरीक्षक सच्चिदानंद राय ने बचाव में गोली चलाई, जो वर्मा के दाहिने पैर में लगी।
आरोपी को शुक्रवार रात नोएडा में एक टोल प्लाजा के पास से गिरफ्तार किया गया था। वह दिल्ली भागने की फिराक में था।
बयान के अनुसार, अमेठी के अहोरवा भवानी इलाके में सरकारी स्कूल शिक्षक सुनील कुमार (35), उनकी पत्नी पूनम (32) और दो बेटियों दृष्टि (छह) व सुनी (एक वर्ष) की बृहस्पतिवार शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
पूनम ने वर्मा पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी।
पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल एक देसी पिस्तौल और काले रंग की एक ‘एनफील्ड बुलेट’ मोटरसाइकिल जब्त कर ली है।
इस बीच, अमेठी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंशुमान सिंह ने कहा कि आरोपी वर्मा को तिलोई के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल ले जाया गया।
सीएमओ ने कहा, ‘‘उसके दाहिने पैर में गोली लगी है और वह खतरे से बाहर है।’’
अमेठी के जिला अस्पताल में तैनात चिकित्सक डॉ. शुभम पांडे ने बताया कि वर्मा (27) को पुलिस सुबह करीब 5:30 से 5:45 बजे के बीच लेकर आई थी। उसके दाहिने पैर में जख्म है।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) अनूप कुमार सिंह के अनुसार, यह घटना कथित तौर पर अवैध संबंधों के कारण हुई।
एसपी ने बताया कि वर्मा के कथित तौर पर पिछले 18 महीने से शिक्षक की पत्नी के साथ संबंध थे।
उन्होंने यह भी कहा कि आरोपी ने परिवार की हत्या करने के बाद खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी, लेकिन गोली नहीं चल सकी।
अधिकारी के अनुसार, वर्मा ने जुर्म कबूल कर लिया है। सिंह ने बताया कि वर्मा ने पिस्तौल से 10 गोलियां चलाईं।
वर्मा द्वारा सोशल मीडिया पर पांच लोगों की मौत संबंधी पोस्ट डालने के बारे में पूछे जाने पर एसपी ने कहा, ‘‘उसने एक परिवार के चार लोगों की हत्या करने के बाद खुद को गोली मारने का इरादा किया था। वही पांचवां व्यक्ति था, लेकिन उसका आत्महत्या का प्रयास विफल हो गया।’’
पुलिस को पता चला है कि पूनम ने 18 अगस्त को रायबरेली में वर्मा के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम, 1989 के तहत उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी।
उन्होंने शिकायत में कहा था, ‘‘अगर मुझे या मेरे परिवार को कुछ होता है तो वर्मा इसका जिम्मेदार होगा।’’
एसपी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘चंदन वर्मा रायबरेली जिले का निवासी है। ऐसा प्रतीत होता है कि वह पीड़िता के घर पहुंचा और किसी बात से नाराज हो गया, जिसके बाद उसने परिवार के सदस्यों पर गोली चलानी शुरू कर दी जिससे सभी की मौत हो गई।’’ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की, जबकि विपक्ष ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया।
इस बीच, शनिवार को पुलिस हिरासत में अदालत ले जाते समय आरोपी चंदन वर्मा ने पत्रकारों से कहा, "मेरा पूनम से कोई संबंध नहीं था।"
पुलिस जब चंदन वर्मा को जिला अस्पताल से लेकर रायबरेली की अदालत जा रही थी, तो पत्रकारों ने उससे कई सवाल पूछे।
पत्रकारों ने जब वर्मा से पूछा कि पूनम से उसका कब से रिश्ता है, तो उसने कहा, "पूनम से मेरा कोई रिश्ता नहीं था।" यह पूछे जाने पर कि उसे पिस्तौल कहां से मिली, वर्मा ने अपनी ओर से सवाल किया "कौन सी पिस्तौल?" जब उससे पूछा गया कि उसने बच्चों को क्यों मारा, तो उसने कहा "यह गलती से हो गया।''
पत्रकारों ने जब उससे पूछा कि क्या उसे इस घटना पर अफसोस है, तो उसने हां में सिर हिला दिया।
रायबरेली में पूनम के भाई भानू ने कहा कि ''चंदन ने चार की हत्या कर दी और पांचवां नाम मेरा है। वह धमकी देता था कि पांचों को मार दूंगा।''
वर्मा ने सोशल मीडिया पर पांच लोगों की मौत के बारे में एक पोस्ट किया था। इस पोस्ट के बारे में पूछने पर अमेठी के एसपी ने बताया था, "उसने परिवार के चार लोगों की हत्या करने के बाद खुद को भी गोली मारने की कोशिश की थी। वही पांचवां व्यक्ति था, लेकिन उसकी आत्महत्या की कोशिश विफल हो गई।
उन्होंने कहा, "चंदन ने अपने मोबाइल के व्हाट्सएप स्टेटस पर 12 सितंबर को लिखा था कि ''फाइव पीपल आर गोइंग टू डाई विल शो यू सून (पांच लोगों की मौत होने वाली है, जल्द बताउंगा)''
भानू ने कहा, ''रायबरेली में दीदी (पूनम) और जीजा (सुनील) इंदिरा नगर में किराए के कमरे में रहते थे, वह भी पास में कमरा लेकर रहता था। वह (चंदन वर्मा) दीदी को पिस्तौल दिखाकर जबरदस्ती बात करता था।''
भानू ने दावा किया कि उसकी बहन और वर्मा के बीच अवैध संबंध नहीं थे।
शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला कि पूनम ने 18 अगस्त को रायबरेली में वर्मा के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम, 1989 के तहत और छेड़छाड़ के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
शिकायतकर्ता ने यह भी कहा था कि "अगर उसे या उसके परिवार को कुछ होता है, तो इसके लिए वर्मा को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।"
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