देश की खबरें | दिल्ली विधानसभा में बस मार्शलों की बहाली को लेकर आप-भाजपा ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए
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नयी दिल्ली, 29 नवंबर दिल्ली विधानसभा के पांच साल के कार्यकाल के अंतिम सत्र के पहले दिन शुक्रवार को बस मार्शलों को हटाने के मुद्दे पर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए।
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि मार्शलों को बहाल करने का प्रस्ताव उपराज्यपाल के पास लंबित है।
इस मुद्दे पर चर्चा में भाग लेते हुए आतिशी ने कहा कि अगर उपराज्यपाल वी के सक्सेना 10,000 बस मार्शलों की बहाली के प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए राजी हो जाएं तो आम आदमी पार्टी (आप) रोहिणी विधानसभा सीट से विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी।
हल्के-फुल्के अंदाज में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यदि गुप्ता प्रस्ताव उपराज्यपाल से स्वीकृत करा देते हैं तो वह चुनाव में उनके लिए प्रचार करेंगी।
उन्होंने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल का बचाव किया, जिन पर भाजपा ने नवंबर 2023 से बस मार्शलों को हटाने का निर्देश देने का आरोप लगाया था।
उन्होंने कहा कि 20 अक्टूबर 2023 को लिखे अपने पत्र में केजरीवाल ने कहा था कि बस मार्शलों को नहीं हटाया जाना चाहिए और उनके वेतन का भुगतान रोकने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
सत्तारूढ़ आप विधायकों ने भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने उपराज्यपाल के जरिए बस मार्शलों को हटवाया और इस तरह उनके परिवारों के लिए आजीविका की समस्या पैदा कर दी।
भाजपा विधायकों ने पलटवार करते हुए कहा कि बस मार्शलों को तत्कालीन मुख्यमंत्री केजरीवाल के निर्देश पर हटाया गया था और अब आप उनकी बहाली को लेकर राजनीति कर रही है।
भाजपा विधायक अभय वर्मा ने सत्तारूढ़ पार्टी से सवाल किया कि अगर वह बस मार्शलों को उनकी नौकरी वापस नहीं दे सकती तो वह सत्ता में क्यों है।
गुप्ता ने आतिशी से जवाब मांगते हुए कहा कि आप सरकार ने बस मार्शलों को तैनात किया और फिर उन्हें हटा दिया।
विपक्ष के नेता ने कहा, "यह आश्चर्यजनक है कि सत्तारूढ़ पार्टी कह रही है कि विपक्षी भाजपा को बस मार्शलों को उनकी नौकरी वापस देनी चाहिए।"
उन्होंने दावा किया कि बस मार्शलों को नियमित करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा सुझाई गई समिति अभी तक गठित नहीं की गई है।
शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने गुप्ता पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने बस मार्शलों की बहाली के लिए मुख्यमंत्री के साथ उपराज्यपाल से मिलने से बचने की कोशिश की।
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