नयी दिल्ली, 15 अगस्त : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार को छोटे किसानों को आगे बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि ‘‘छोटा किसान बने देश की शान’’ इस लक्ष्य के साथ हमें आगे बढ़ना होगा. गांव, किसान की जमीन को विवाद का नहीं बल्कि विकास का आधार बनाने पर काम हो रहा है. 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुये मोदी ने कहा कि सरकार देश के छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुये निर्णय ले रही है. ‘‘बंटवारे के कारण गांवों में जमीन की जोत छोटी हो रही है. देश के 80 प्रतिशत किसानों के पास दो हेक्टेयर से भी कम जमीन है. ’’ उनहोंने कहा कि कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक क्षमता का इस्तेमाल जरूरी है. अब इस मामले में ज्यादा इंतजार नहीं किया जा सकता है.
मोदी ने कहा, ‘‘ हमारा सपना है कि छोटे किसान देश की शान बने. आने वाले वर्षों में हमें देश के छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को और बढ़ाना होगा, उन्हें नई सुविधाएं देनी होंगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पहले जो देश में नीतियां बनीं, उनमें इन छोटे किसानों पर जितना ध्यान केंद्रित करना था, वो नहीं हुआ. लेकिन अब इन्हीं छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जा रहे हैं.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिये फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लागत का डेढ गुणा किया गया है. किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया गया है और आने वाले समय में ब्लॉक सतर पर अनाज के भंडारण के लिये भंडारण सुविधायें खड़ी करने की योजना चलाई जा रही है. यह भी पढ़ें : Independence Day 2021: बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है: प्रधानमंत्री
किसानों का सशक्त और मजबूत बनाने के लिये अब तक डेढ लाख करोड़ रुपये की राशि छोटे किसानों के खातों में डाली जा चुकी है. इसके अलावा 70 से अधिक मार्गों पर किसान रेल चलाई जा रही हैं. इन रेलों के जरिये कृषि उपज को देश के एक कोने से दूसरे कोने में भेजा जा रहा है. इससे किसानों को सस्ते भाड़े पर उनके उत्पाद मंडियों तक पहुंचाये जा रहे हैं जहां उनकी मांग है. प्रधानमंत्री ने किसानों के लिये उनकी जमीन के आधार पर बैंकों से कर्ज दिलाने की सुविधा वाली स्वामित्व योजना का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘‘देश में ड्रोन के जरिये काम हो रहा है, दस्तावेजों को आनलाइन अपलोड किया जा रहा है, इससे बैंकों से आसानी से कर्ज मिल रहा है और गांव की जमीन विवाद का नहीं विकास का आधार बन रही है.’’