नयी दिल्ली,13 अप्रैल : नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने स्पाइसजेट के 90 पायलटों के बोइंग 737 मैक्स विमान उड़ाने पर रोक लगा दी है. डीजीसीए ने इन पायलटों को उचित रूप से प्रशिक्षित न पाए जाने के बाद यह कदम उठाया है. डीजीसीए के प्रमुख अरुण कुमार ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘अभी के लिए हमने इन पायटलों के मैक्स विमान उड़ाने पर रोक लगा दी है. विमान उड़ाने के लिए इन्हें दोबारा सफलतापूर्वक प्रशिक्षण हासिल करना होगा.’’ उन्होंने यह भी कहा कि नियामक ‘प्रशिक्षण में चूक के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा.’
गौरतलब है कि डीजीसीए ने अदीस अबाबा के पास इथियोपियन एयरलाइंस के एक 737 मैक्स विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के तीन दिन बाद 13 मार्च 2019 को बोइंग 737 मैक्स विमानों के परिचालन पर रोक लगा दी थी. इस हादसे में चार भारतीयों सहित कुल 157 लोग मारे गए थे. हालांकि, डीजीसीए के अमेरिका की विमान निर्माता कंपनी बोइंग द्वारा विमान में सॉफ्टवेयर संबंधी जरूरी सुधार किए जाने से संतुष्ट होने के बाद पिछले वर्ष अगस्त में विमानों पर लगाई गई रोक हटा दी गई थी. स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की कि डीजीसीए ने स्पाइसजेट के 90 पायलटों को मैक्स विमान उड़ाने से प्रतिबंधित कर दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘स्पाइसजेट के 650 पायलट बोइंग 737 मैक्स उड़ाने के लिए प्रशिक्षित हैं. हालांकि, डीजीसीए को 90 चालकों के प्रशिक्षण विवरण पर आपत्ति है. इसके बाद डीजीसीए की सलाह के अनुरूप स्पाइसजेट ने 90 पायलटों के बोइंग 737 मैक्स विमान उड़ाने पर रोक लगा दी है.” यह भी पढ़ें : Xiaomi के भारत के पूर्व एमडी मनु कुमार जैन को ED ने किया तलब, इस मामले में होगी पूछताछ
प्रवक्ता के मुताबिक, “यह रोक तब तक प्रभावी रहेगी, जब तक ये पायलट डीजीसीए की संतुष्टि के स्तर का प्रशिक्षण नहीं प्राप्त कर लेते. हालांकि, वे बोइंग 373 के अन्य विमान उड़ाने के लिए उपलब्ध रहेंगे.’’ उन्होंने कहा कि इस प्रतिबंध से मैक्स विमान का संचालन प्रभावित नहीं होगा. स्पाइसजेट मौजूदा समय में 11 मैक्स विमानों का संचालन करती है. इन विमानों के संचालन के लिए कंपनी को करीब 144 पायलटों की जरूरत है. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘मैक्स विमान उड़ाने के लिए प्रशिक्षित 650 पायलटों में से 560 पायलट अभी भी उपलब्ध हैं. यह संख्या मौजूदा आवश्यकता से कहीं ज्यादा है.’’