नयी दिल्ली, 9 जुलाई : केंद्र सरकार (Central Government) ने शुक्रवार को कहा कि भारत में पिछले सप्ताह सामने आये कोविड-19 के आधे से अधिक मामले महाराष्ट्र और केरल के हैं. मंत्रालय ने कहा कि महामारी अभी जल्द समाप्त नहीं होने वाली इसलिए आत्मसंतोष की गुंजाइश नहीं है. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश अभी महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है और हमें आत्मनिरीक्षण करना होगा कि क्या हम इस भ्रामक धारणा को तो नहीं मान बैठे कि कोविड-19 समाप्त हो गया है.’’ सरकार ने कहा कि पर्यटन स्थलों से आने वाली तस्वीरें और बिना कोविड प्रोटोकॉल के लोगों की भीड़ लगने के दृश्य चिंता की गंभीर वजह हैं और ऐसी लापरवाही से वायरस का खतरा बढ़ेगा.
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने रूस और ब्रिटेन समेत कुछ देशों में संक्रमण के मामलों में हाल में हुए इजाफे का जिक्र करते हुए लोगों को आगाह किया. उन्होंने मास्क पहनने और एक-दूसरे से निश्चित दूरी रखने जैसे कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि भारत में पिछले सप्ताह सामने आये कोविड-19 के मामलों में से आधे से ज्यादा महाराष्ट्र (21 प्रतिशत) और केरल (32 प्रतिशत) से आये. अग्रवाल ने कहा कि भारत में कोविड के नये मामलों में से 80 प्रतिशत 15 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 90 जिलों से सामने आये हैं जो इन क्षेत्रों में ध्यान देने की जरूरत की ओर संकेत करता है. उन्होंने कहा कि 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 66 जिलों में कोविड-19 की संक्रमण दर आठ जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में 10 प्रतिशत से अधिक थी. यह भी पढ़ें : Delhi: राजधानी में पिछले 24 घंटे में COVID-19 के 81 नए मामले सामने आए, 3 की मौत
सरकार ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के लैम्बडा स्वरूप का कोई मामला नहीं देखा गया है. भारत में एक दिन में कोविड-19 के 43,393 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,07,52,950 हो गई. वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 4,58,727 हो गई है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में 911 और लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,05,939 हो गई. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा कि गर्भवती महिलाओं में कोविड-19 से समय पूर्व प्रसव जैसे जोखिम बढ़ सकते हैं इसलिए उनका टीका लगवाना जरूरी है.